साथियों इस श्रृंखला की आज की फिल्म है ‘दस’.
मुकुल एस.आनंद की फिल्में अपनी भव्यता और तकनीकी कौशल के लिए जानी जाती रही है. ऐतबार, कानून क्या करेगा,इंसाफ,महासंग्राम, हम,खुदागवाह,अग्निपथ, मै बलवान,त्रिमुर्ति, खुन का कर्ज और सल्तनत जैसी फिल्मों मे चाहे कई सफलता के शिखर को नहीं छु पाई मगर सीने प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने मे सफल हुई है.
मुकुल आनंद ने निर्माता नितिन मनमोहन, सुनिल मनचंदा के साथ मिलकर फिल्म ‘दस’ बनाने की योजना बनाई थी.
फिल्म की कहानी आतंकवादियोंसे जुझते दो भारतीय सेना अधिकारियों की थी.कश्मीर की चरार-ए-शरीफ मजार को नष्ट कर आतंकी मस्त गुल(राहुल देव) अफगानिस्तान भाग जाता है.इस अपमान का बदला लेने के लिए सेना के जनरल ( विनोद खन्ना) अपने अधिकारियों राज सेठी( संजय दत्त) और जीत शर्मा (सलमान खान) के हाथों अपना झुठा अपहरण करवाते है.एक रिपोर्टर ( शिल्पा शेट्टी) की मदद से इस अपहरण की खबरें फैलाई जाती है.अपहरण कर्ताओं को फिरौती की रकम भी दी जाती है .इस रकम और अपनी नयी पहचान के साथ वो अफगानिस्तान जाकर मस्त गुल और उसकी सहयोगी नशेमन ( रविना टंडन) तक पहुंचने मे सफल होते है.
वहां उन्हें पाकिस्तान की आई एस आई और मस्त गुल के खतरनाक षडयंत्र का पता चलता है.ये भारत के दौरे पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की हत्या करवा कर भारत को बदनाम करने की साजिश है.हमारे नायक इस योजना को कैसे विफल बनाते है यही फिल्म का क्लायमेक्स है.
यह फिल्म संगीतकार शंकर अहसान लाय की पहली फिल्म थी.राहुल देव की भी यह पहली फिल्म थी.रविना टंडन निगेटिव भुमिका निभा रही थी.उटाह मे बडा सेट लगाकर फिल्म की लंबा शेड्यूल शुट किया गया था.फिल्म मे इंडिया गेट की प्रतिकृती भी बनाई गई थी.इस सबमे लगभग चार करोड रुपए खर्च हो गये थे,जो उस वक्त बडी रकम थी.
मुकुल आनंद का हृदयगती रुक जाने से देहांत हो गया.और फिल्म रुक गई. कुछ निर्देशकोंसे फिल्म पुरी करने का आग्रह किया गया.मगर मुकुल आनंद के फिल्माये गए हिस्से और अन्य निर्देशकों की कल्पना मे अंतर होने के कारण यह संभव नहीं हो पाया. फिल्म का संगीत रिलिज हुआ और ‘सुनो गौर से दुनियावालों — हम है हिदुस्तानी’ गीत ने धुम मचा दी.
कहानी अधूरी फिल्मों की (35)-आज की फिल्म है मुकुल आनंद द्वारा निर्देशित और कई सितारों से सजी फ़िल्म ‘दस’ की
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