अपने स्वाभाविक अभिनय के लिए प्रसिध्द जलाल आगा ने अस्सी के दशक के प्रारंभमे निर्माण और निर्देशन क्षेत्र मे कदम रखते हुए ‘ निर्वाण’ फिल्म बनाने की घोषणा की थी. फिल्म मे सारिका,अमोल पालेकर,नसिरूद्दिन शाह और टिनु आनंद( जलाल आगा के जीजाजी) को प्रमुख भुमिका निभाई थी.
जलाल आगा ने अपने सिंधिया स्कुल के सहपाठी नंदलाल साहू के साथ झारखंड के लोहारदगा मे छुट्टियां बिताई थी.वहां की शातंता और ग्राम्य सुंदरता ने उन पर गहरी छाप छोडी थी.फिल्म का फिल्मांकन इसी स्थान से प्रेरित था.नंदलाल साहु के लोहारदगा स्थित फार्म हाउस मे दो बार पुरी फिल्म की टिमने रह कर फिल्मांकन किया था.
फिल्म की कहानी एक हवाई सुंदरी ( सारिका) की हैं मुंबई कि आपाधापी से दूर अपने मित्र ( नसिरुद्दीन शाह) के साथ शिकार खेलने और समय बिताने के लिए फार्म हाउस मे आती है.वहां टिनु आनंद भी रहते है.सारिका शिकार के लिए उत्साहित थी मगर एक मृत हिरन की आखों मे आंसू देकर द्रवित हो उठती है. वह ग्रामिण जीवन की सरलता से प्रभावित होकर वहीं रहने का निर्णय करती है.
फिल्ममे झारखंड की वनसौंदर्य को मोहक रुप से चित्रित किया गया था. फिल्म मे जगजीत सिंह और चित्रा सिंह ने संगीत दिया था.राही मासूम रजा और राजेश जौहरी ने गीत लिखे . हरिहरन,अभिजित और विनोद सहगल इस समय नवोदित गायक थे और इन्होंने फिल्म के गीत गाए थे. सारिका अनावृत दृश्यों के कारण फिल्म चर्चा मे थी. अपनी वैम्पिश,छोटी मोटी भुमिका से हटकर संवेदनशील रोल के कारण सारिका इस फिल्म के प्रति आशान्वित थी.
राजिव गांधी, रेखा और दिप्ती नवल जैसे कछ लोगों ने प्रदर्शन पुर्व देखकर फिल्म और खासकर सारिका के अभिनय की प्रशंसा की थी.फिल्म पुरी होने के बाद जलाल आगा और फाइनेंसर के विवाद मे रिलिज नहीं हो पाई. नंदलाल साहू के पुत्र दुर्गेश कुछ वर्ष पुर्व टिनु आनंद के सहयोग से फिल्म को रिलिज करने का प्रयास कर रहे थे .मगर अब तक फिल्म प्रदर्शित नहीं हो पाई.
कहानी अधूरी फिल्मों की(15)-जलाल आगा ने अस्सी के दशक के प्रारंभमे निर्माण और निर्देशन क्षेत्र मे कदम रखते हुए ‘ निर्वाण’ फिल्म बनाने की घोषणा की थी लेकिन वो अधूरी रह गयी
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