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यादें अधूरी फिल्मों की (24)-महानायक अमिताभ बच्चन की एक और फिल्म “जमानत “ बनने के बाद भी सीनेमा घर तक नहीं पहुँची ‘


महानायक अमिताभ बच्चन की एक और फिल्म बनने के बाद भी सीनेमा घर तक नहीं पहुंची.आज की यह फिल्म है निर्माता निर्देशक एस.रामानाथन की ‘जमानत’.
निर्माता निर्देशक एस.रामानाथन ने अमिताभ को मुख्य नायक के रुप मे फिल्म ‘ बाम्बे टु गोवा’ मे प्रस्तुत किया था.इसी फिल्म को देखकर सलीम जावेद ने अमिताभ की फिल्म ‘ जंजीर’ के लिए सिफारिश की थी.अमिताभ ने एस.रामानाथन की ‘ महान’,’गंगा जमुना सरस्वती’ ‘गिरफ्तार’ और ‘ जमानत’ मे भी काम किया था.
‘जमानत’ का निर्माण 1996 मे प्रारंभ हुआ था.ये एक वकील शिव शंकर ( अमिताभ बच्चन) की कहानी है जो एक हादसे मे अपनी आंखे खो बैठता है.उसकी प्रेयसी( विजया शांति) भी उससे दूर हो जाती है.वर्षों बाद एक युवती ( करिश्मा कपूर) उसे अपने प्रेमी ( अरशद वारसी) को हत्या के आरोप से बचाने के लिए प्रार्थना करती है.शिव शंकर ने लम्बी अवधी से कोई मुकदमा नहीं लडा.वो किस तरह युवती के प्रेमी को नाटकीय परिस्थितियों मे आरोपमुक्त करता है. फिल्म मे अनुपम खेर,शिवाजी साटम ,टिनु आनंद, शरत सक्सेना, प्रकाश राज, अयुब खान,आरुषि,गोविंद नामदेव सह भुमिकाओं मे थे. दंगल फिल्म से लोकप्रियता प्राप्त करने वाली नायिका फातिमा सना शेख इस फिल्म मे बाल कलाकार थी.समिर के गीतों को विजु शाह ने संगीत से सजाया था.फिल्म की आडियो कैसेटस् भी रिलिज हो गई थी.
फिल्म अनेक अडचनों का सामने करते हुए 2005 मे पुरी हुई.इस दरमियान निर्माता को करिश्मा कपूर के असहयोग, वितरकों द्वारा अरशद वारसी को बदलने का आग्रह जैसी कठनाइयों का सामना करना पडा. फिल्म के सेंसर से पास होने की खबरें सी आई.फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन ने 2.7 लाख का चश्मा पहना होने की जानकारी मिलने पर आयकर विभाग ने उनसे पुछताछ की थी.यह समस्या अमिताभ की उन दिनों समाजवादी पार्टी से नजदीकियों के कारण है इस आरोप के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं ने इनकम टैक्स विभाग के दप्तरों पर प्रदर्शन भी किये थे.मगर फिर भी आर्थिक समस्याओंके चलते फिल्म रिलिज नहीं हुई. 2013 मे एस.रामनाथन के निधन के बाद फिल्म डिब्बाबंद पडी है.
ट्रेलर की लिंक कमेंटस् मे.

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