अधूरी फिल्मों की इस श्रृंखला मे याद करते है आज जे.पी.दत्ता की फिल्म ‘चुडियां’ को.
नब्बे के दशक के प्रारंभ मे मशहूर फल्मकार जे.पी.दत्ता ने फिल्म ‘चुडियां’ बनाने की घोषणा की थी.सुंदर दास सोनकिया की प्रस्तुती ‘चुडियां’ को आनंद मिलिंद अपने संगीत और समीर अपने गीतों से सजाने वाले थे.फिल्म का लेखन जे.पी.दत्ता के पिता ओ.पी.दत्ता कर रहे थे.छायांकन की जिम्मेदारी निर्मल जानी को सौपी गई थी.
फिल्म मे संजय दत्त और माधुरी दीक्षित प्रमुख भुमिका मे थे.साजन और थानेदार जैसी सफल फिल्मों के दौर मे यह एक ऐसी जोडी थी जीसपर वितरक धनवर्षा करते थे.इन दोनों के प्रगाढ संबंधों की भी चर्चा थी.फिल्म मे रविना टंडन प्रेम त्रिकोण के एक कोण की भुमिका निभा रही थी.
मगर संजय दत्त की जेल यात्रा और कानूनी समस्या इत्यादि ने फिल्म का शेड्यूल बिगाड दिया.और फिल्म स्थगित कर दी गई. संजय दत्त और माधुरी के संबंधों का अंत हो गया.
कुछ वर्षों बाद बौबी देओल,ममता कुलकर्णी और तब्बु को लेकर पुन: प्रारंभ किया गया.मगर यह प्रयास भी गती नहीं पकड पाया.
इस फिल्म के लिये बनाया गीत ‘ शैरी,मै हो गया दिवाना’ संजय दत्त और रविना टंडन की फिल्म ‘विजेता ‘ मे इस्तेमाल किया गया