महान अभिनेता संजीव कुमार के साथ प्रमुख भुमिकाओं मे कोई फिल्म न कर पाने का अफसोस ऋषि कपूर को हमेशा रहा.ऋषि कपूर संजीव कुमार की फिल्में ‘ पति पत्नी और वो’,’राम तेरे कितने नाम’ और ‘बीवी और बीवी’ मे मेहमान भुमिका कर चुके हैं. मगर इन दोनो को मुख्य भुमिका मे लेकर फिल्म ‘ मांग सजा दू तेरी ‘ बनाई जा रही थी.
इस फिल्म की कहानी प्रख्यात निर्देशक मनमोहन देसाई ने लिखी थी .वो इस फिल्म से जुडा सबसे बड़ा नाम थे. फिल्म का निर्माता राज भतिजा कर रहे थे. राज मनमोहन देसाई की ‘रोटी ‘ के सहनिर्माता और ‘आशिक हुं बहारों का’ के निर्माता थे. फिल्म मे संजीव कुमार, ऋषि कपूर, आशा पारिख, रंजिता, अमजद खान, कादर खान,आशा सचदेव प्रमुख भुमिकाओं मे थे.
फिल्म का निर्देशन प्रयाग राज कर रहे थे. प्रयाग राज मनमोहन देसाई की लगभग सभी फिल्मों से जुडे थे.लेखक के रुप मे उन्हें अच्छी लोकप्रियता मिली मगर निर्देशन मे ज्यादा सफल नहीं हुए.वे एक अभिनेता गीतकार भी थे.उन्होंने चाहे कोई मुझे जंगली कहे मे ‘याहु’,हमको तुमपे प्यार आया(जब जब फूल खिले)मे ‘अफु खुदा’,एक्सीडेंट हो गया रब्बा रब्बा (कुली) मे ‘अल्लारख्खा’ आवाजें निकाली है.
‘मांग सजा दुं मेरी’ के कैसेट,रिकार्ड रिलिज हो चुके थे.लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के संगीत निर्देशन मे अंजान,प्रयाग राज और नक्ष लायलपुरी के गीतोंको आशा भोंसले,शब्बीर कुमार, सुरेश वाडकर,अलका याज्ञिक ने गाया है.
यह फिल्म पुरी हो चुकी थी मगर ऋषि जी के अनुसार निर्माता ने फिल्म को व्यवसाय मे घाटा बताकर आयकर से बचना पसंद किया.
इस फिल्म की जानकारी ढुंढते हुए एक रोचक किस्सा जानने मिला जो फिल्मसे सीधा संबंधित नहीं है. सलीम जावेद और मनमोहन देसाई के बीच हुए कुछ विवाद के बाद सलीम खान यह दावा कर रहे थे की’ सुहाग’ फिल्म वो लिख रहे थे.. इस दावे को झुठा बताते हुए नाराज मनमोहन देसाई ने कहा था की वो सलीम खान को फिल्म मांग सजा दो मेरी मे भुमिका देकर उनकी ऋषि से पिटाई का दृश्य रखना चाहते है. ( फिल्म प्रोफेसर मे सलीम खान की भुमिका जैसा ही) .और इस दृश्य को स्वयं करके ऋषि को सिखाना चाहते है.
(एक मनोरंजक किस्सा मात्र,मनमोहन देसाई के सोच मे सिनेमा कैसा रचा बसा था यह बताने का प्रयास) .
कहानी अधूरी फिल्मों की (30)-आज प्रस्तुत है अधूरी फिल्म ‘ मांग सजा दूं तेरी’ की जानकारी.
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