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कहानी अधूरी फिल्मों की (41) :जासूसी पृष्ठभूमि मे मिथुन चक्रवर्ती को जासुस की भुमिका मे लेकर एजेंट बनाने का ऐलान किया था लेकिन वो बन नहीं पायी

साथियों हमारी फिल्मों के अनेक निर्देशक अंग्रेजी फिल्मों से प्रेरणा लेते रहे है. अंग्रेजी फिल्मों के सर्वाधिक लोकप्रिय किरदारों मे एक जेम्स बांड भारत मे भी बेहद पसंद किया गया. इसकी सफलता को देखते हुए अनेक निर्देशकों ने जेम्स बांड फिल्मों से प्रभावित होकर उन फिल्मों जैसे चरित्र और दृश्य अपनी फिल्मों मे शामिल किये है.

हिंदी फिल्मों का पहला जेम्स बांड प्रेरित नामक शायद गोपाल उर्फ एजेंट 116 था ,जो फिल्म ‘फर्ज'(1967) थी. ये फिल्म निर्देशक रविकांत नगाईच ने बनाई थी और मुख्य भुमिका जितेंद्र ने निभाई थी.ये जितेंद्र के कैरियर की पहली सुपरहिट फिल्म थी.’आखें’ मे निर्देशक रामानंद सागर और धर्मेंद्र ,’द ट्रेन’ मे रविकांत नगाईच और राजेश खन्ना, ‘कीमत’ रवि नगाईच और धर्मेंद्र जैसी फिल्मों मे भी इस चरित्र को मुल मे रखकर नायक गढे थे.

रविकांत नगाईच ने एक बार फिर गन मास्टर G-9,नामक जासुस किरदार गढा.मिथुन चक्रवर्ती को लेकर बनाई गई फिल्में सुरक्षा और वारदात ने संघर्षरत मिथुन को नया सितारा बनाया. रविकांत नगाईच एक बार फिर जितेंद्र को एजंट 116 बनाकर लाये.दिपक बाहरी निर्देशित फिल्म ‘एजंट विनोद’मे भी महेंद्र संधू का किरदार एक जासूस है.

मिथुन के लोकप्रिय होनेपर प्राणलाल मेहता निर्मित और दिपक बहारी निर्देशित फिल्म ‘हमसे बढकर कौन?’ वर्ष 1981 मे आई.यह फिल्म अपने गीत ‘देवा हो देवा’ के लिए आज भी याद की जाती है.

इस पृष्ठभूमि मे निर्माता प्राणलाल मेहता और निर्देशक दिपक बाहरी ने मिथुन चक्रवर्ती को जासुस की भुमिका मे लेकर फिल्म बनाने का ऐलान किया.फिल्म का नाम था ‘एजंट राज’.मिथुन की नायिका रंजिता थी जो उस दौर मे मिथुन के साथ कई फिल्मों मे नजर आई थी.

फिल्म का संगीत राम लक्ष्मण, लेखक खालिद नारवी,छाया अरविंद लाड और एक्शन डायरेक्टर विरु देवगन थे.फिल्म की घोषणा सिने पत्रिकाओं मे विज्ञापन के साथ हुई मगर अज्ञात कारणों से फिल्म आगे प्रगति नहीं कर पाई और हमें एक और जासुस देखने का मौका नहीं मिला.

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