महेश भट्ट कुमार गौरव को मुख्य भूमिका में लेकर एक फिल्म बना रहे थे, आज। दिल्ली के रहने वाला एक नौजवान युवक राजीव भाटिया फिल्मों में काम करने के लिए संघर्ष कर रहा था। एक दिन उसके एक दोस्त ने उसे बताया कि एक फिल्म बन रही है आज नाम से। तुम जाकर फिल्म के निर्माता से मिलो, फिल्म में एक कराटे सिखाने वाला का कोई रोल है, तुम तो कराटे चैंपियन भी हो, हो सकता है कुछ काम मिल जाए। राजीव भाटिया जाकर फिल्म के निर्माता कुलदीप पॉल से मिला। कुलदीप पॉल ने उसे बताया कि फिल्म में एक कराटे गुरु का एक रोल तो है पर रोल सिर्फ एक दिन का ही है और वो भी सिर्फ 15 सेकंड के करीब ही स्क्रीन पर दिखेगा । राजीव को काम की सख्त जरूरत थी इसलिए उसने हां कर दिया। अगले दिन वो फिल्म के सेट पर गया जहां उसकी मुलाकात कुमार गौरव से हुई। दोनो ने हाथ मिलाया। राजीव कुमार गौरव से मिलकर काफी खुश हुआ। उसका एक सीन एक लड़की के साथ फिल्माया गया जिसे वो कराटे सिखाता है। सीन शूट हुआ, शूट के बाद उसको उसके काम की कीमत दे दी गई। सेट से बाहर आकर राजीव के दिमाग में बस एक ही चीज घूम रही थी और वो था कुमार गौरव का निभाया गया वो चरित्र जो उसने फिल्म आज में निभाया था। वो सीधा बांद्रा कोर्ट गया और कोर्ट में उसने अपने नाम को बदलने की अर्जी दे दी । क्लर्क ने उससे पूछा कि क्या नाम बदलना है ? तो उसने वही नाम बताया जो कुमार गौरव का फिल्म आज में था। कुमार गौरव का नाम था अक्षय। इसके बाद उसने राजीव भाटिया के नाम को किनारा करके अपना नाम रख लिया अक्षय कुमार और इसी नाम से विजिटिंग कार्ड भी छपवा दिए।