सत्तर के दशक मे लगभग सभी अभिनेता बहोत सी फिल्में साइन कर लेते थे.कुछ मुहुर्त तो कुछ थोडी बहोत शुटिंग करके बंद हो जाती थी.ऐसी ही एक फिल्म थी ‘हे राम’.
निर्माता हिरेन खेरा आर.के.फिल्मस् की फिल्मों के निर्माण प्रबंधन से जुडे थे.आवारा,आह,जागते रहो,अब दिल्ली दूर नहीं, श्री 420 और जीस देश मे गंगा बहती है फिल्मों मे आर.के.स्टुडियो के सेक्रेटरी के रुप मे काम करने के बाद उन्होंने फिल्म ‘मेहंदी लगी मेरे हाथ’ से फिल्म निर्माण मे कदम रखा.ये अभिनेता शशि कपूर की पहली सफल फिल्म थी.शशि कपूर की सुपर हिट फिल्म ‘जब जब फूल खिले’ के प्रस्तुत कर्ता भी वो थे.
इनकी निर्माण मे फिल्म ‘हे राम’शुरु हुई थी.उनके प्रिय अभिनेता शशि कपूर इस फिल्मके भी नायक थे.संजीव कुमार, सुलक्षणा पंडित,विशेष भुमिका मे प्रेमनाथ,ओम शिवपुरी,सज्जन,मिथुन चक्रवर्ती, शामली,माला जग्गी,जतिन खन्ना थे.फिल्म मे आनंद बक्षी के गीतों को राजेश रोशन संगीत दे रहे थे.बी.आर.ईशारा फिल्मके निर्देशक थे.
निर्माता की मृत्यु के बाद फिल्म अधूरी रह गई. फिल्म मे आनंद बक्षी का लिखा एक भजन मोहम्मद रफी साहब और लताजी ने गाया था.यह मधूर गीत यु ट्युब पर उपलब्ध है.
सालों बाद 2000 मेंज कमल हासन ने हे राम नाम से एक फ़िल्म बनायी थी जिस्म रानी मुखर्जी और शाहरुख़ ख़ान थे