ये कहानी है जॉन डिसूजा नामक एक वृध्द की जो अपनी बिमार पत्नी से मिलने एक यात्रा मे मिलों दूर चलता है. फिल्म मे मुख्य भुमिका मे अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी सारिका बनी है.साथी कलाकार है जिमी शेरगिल, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, दिया मिर्जा,शिरिष जुत्शी, संजिदा शेख, इत्यादि.निर्देशक शुजित सरकार,गीत गुलज़ार ,संगीत शांतनु मोइत्रा.
इस फिल्म की कहानी तो दो लाईन मे बताई जा सकती है.मगर इसके ,बनने और रूकने की दास्तान बडी लम्बी और कितने ही घुमावों से भरी है.इस कहानी का सभी का अपना अपना नजरिया भी है.यहां एक निर्माता शैलेंद्र सिंह ( गायक नहीं),परसेप्ट कंपनी, का वर्जन प्रस्तुत है.
उनके अनुसार ये कहानी उन्होंने लिखी और अमिताभ बच्चन को सुनाई और अनुबंधित किया,.फिल्म का नाम ‘जौनी वाकर’रखा गया.निर्देशक शुजित सरकार जो तब तक केवल ‘यहां’ फिल्म बना चुके थे ,को अमिताभ से मिलवाया.इसके बाद शुजित आमिताभ के चहेते बन गये और उनकी कुछ विज्ञापन के निर्देशक भी.
कुछ समय बाद उन्हें बताया गया की उनकी कहानी हालिवुड के निर्देशक मनोज एम.श्यामलन की कहानी ‘ लेबर आफ लव’ पर आधारित है इसलिए उनसे अनुमति एवम् अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करें.इससे पहले की वो ये कर पाते शुजित ने यह फिल्म यु टिवी(रौनी स्क्रूवाला ) के साथ प्रारंभ कर दी और ‘शु बाईट) नाम से पुरी भी कर ली.मनोज ने ये कहानी सेंचुरी फाक्स कंपनी को पहले ही बेच दी थी मगर वे इसे अंग्रेजी मे पहले बनाना चाहते थे.परसेप्ट कंपनी अपने अधिकार के लिए अदालत पहुंची. अदालत ने उनके हक मे फैसला दिया.बिच के सालों मे यु टिवी को फाक्स स्टार ने खरीद दिया.अब फाक्स स्टार डिजनी का हिस्सा है.कहते हैमनोज ने फिल्म को अंग्रेजी मे बनाने का फैसला कर अपने इशारे पर फिल्म की रिलिज रुकवा दी.इस प्रकार अदालत और हकदारों की लडाई मे एक अच्छी फिल्म दर्शकों तक नहीं पहुंची.
कुछ समय पहले अमिताभ ने एक ट्विट के माध्यम से सभी संबंधितों से फिल्म रिलिज करवाने की प्रार्थना की थी.आयुष्यमान खुराना और अनुराग कश्यप ने भी इसी प्रकार की अपिल की है.