साथियों इस श्रृंखला की आज की फिल्म है ‘नरगिस’ जो 1993 मे बनकर सेंसर हो चुकी है पर आज तक रिलिज नहीं हो पाई.
‘हिना’ फिल्म से लोकप्रिय हुई पाकिस्तानी अभिनेत्री जेबा बख्तियार इस फिल्म मे शीर्षक भुमिका मे थी. नसीरुद्दीन शाह,विशेष भुमिका मे हेमा मालिनी, दिनेश हिंगु,अरूण बक्षी,अनंत महादेवन,सुलभा देशपांडे, सुधिर दलवी नंदिता ठाकुर, अमजद खान इत्यादि कलाकार भी फिल्म मे नजर आने वाले थे.फिल्म के हिरो ,कमेडियन महमूद, के बेटे,मंजूर अली थे.ये उनकी अभिनित पहली फिल्म थी.इस फिल्म के रिलिज न होने से उन्हें परदे पर आने के लिए अगली फिल्म ‘दुश्मन दुनिया का’ का इंतजार करना पडा,जीसे महमूद साहब न निर्देशित किया था और सलमान खान और शाहरुख़ खान ने विशेष भुमिका निभाई थी.
इस फिल्म के निर्माता और निर्देशक खालिद महोम्मद थे.इन्हें खालिद सामी के नाम से भी जाना जाता है.ये अभिनेत्री फरिदा जलाल के भाई है. उस वक्त ये जेबा बख्तियार के सेक्रेटरी का काम भी संभालते थे.
फिल्म पुरी होने के बाद भुगतान न होने के कारण फिल्म लेबोरेटरी प्राईम फोकस ने फिल्म के प्रिंट देने से इनकार किया.मामला अदालत तक पहुंचा लम्बे मुकदमे के बाद निर्माता ने 23 लाख का भुगतान क्या.मगर लैब ने और 79 लाख रुपये बकाया है ऐसा दावा कर निगेटिव नहीं दिया .मामला एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) के पास था.
फिल्म की कहानी एक गांव की यतिम लड़की की है जो एक आतंकवादी हादसे मे विकलांग हो जाती है और एक लालची युगल उसका फायदा उठाना चाहते है.
फिल्म की विशेषता मजरूह सुलतान पुरी के लिखे और बासु चक्रवर्ती द्वारा संगीत बध्द किये गीत है .फिल्म मे लताजी के स्वर मे चार और जगजीत सिंह के स्वर मे दो गीत है.ये गीत उस वक्त काफी मशहूर हुए थे.मै कैसे कहुं जानेमन,काहे अब की बहार,किसी आशियाने मे मुनिया सी लडकी,अरे तु पवन बसंती के अलावा फिल्म का सबसे खास गीत लताजी और जगजीत सिंह के युगल स्वरों मे ‘दोनों के दिल है मजबूर प्यार मे’ है.इस गीत की भी अपनी एक कहानी है.ये गीत बासु चक्रवर्ती ने अपने साथी मनोहारी सिंह ( संगीतकार जोडी बासु मनोहारी ) के साथ 1977 की फिल्म’ बिन बाप का बेटा’ के लिये बनाया था.इसे लताजी और येसुदास ने गाया था. इसका रिकार्ड भी रिलिज हुआ था.मगर फिल्म अप्रदर्शित रह गयी और दो फिल्मों मे आकर भी ये मधूर गाना परदे पर अब तक नहीं आया.