सदाबहार अभिनेता देव आनंद की पुण्यतिथि के अवसर पर आज प्रस्तुत है उनकी अधूरी फिल्म ‘ साजन की गलियां ‘ से जुडी कुछ बातें.
देव आनंद और विजय आनंद के पसंदिदा छायाकार फाली मिस्त्री ने दोनों के साथ काफी काम किया है.उनके द्वारा छायांकित फिल्मों मे बाबुल, मेला,नागीन,गाईड,निलकमल,एक मुसाफिर एक हसीना,हरे रामा हरे कृष्ण,देस परदेस,प्रेम पुजारी,हमसाया,जानी मेरा नाम ,फकिरा,मि.नटवरलाल, राम बलराम, जैसी मशहूर फिल्मे शामिल है.पुराने जमाने की प्रसिध्द अभिनेत्री श्यामा फाली मिस्त्री की पत्नी थी.फाली ने कुछ फिल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया है.
इन्ही फाली मिस्त्री ने देव आनंद और साधना को लेकर फिल्म ‘साजन की गलियां’ का निर्माण प्रारंभ किया था.फिल्म के निर्देशक राज खोसला थे जिन्होंने देव आनंद के साथ सी्आई.डी और सोलवा साल ,साधना के साथ एक मुसाफिर एक हसीना, वो कौन थी? ,मेरा साया और अनिता जैसी यादगार फिल्मे बनाई है.
फिल्म का संगीत शंकर जयकिशन का था.मोहन चोटी भी एक भुमिका मे थे.इस फिल्म से जहिदा पदार्पण करने वाली थी.अगर बन जाती तो ये देव आनंद की पहली रंगीन फिल्म होती. फिल्म की शुटिंग भी हुई और दो गीत भी फिल्माए गए. मगर कुछ कारणों से फिल्म का निर्माण रुक गया.
इसके बाद साधना और देव आनंद किसी फिल्म मे साथ नहीं आए.जाहिदा की दो प्रमुख फिल्मों ‘ प्रेम पुजारी ‘ और ‘ गैम्बलर’ के नायक देव आनंद ही थे.फिल्म के दो मधुर गीत अधूरी फिल्मों के हिस्से लेकर बनी ‘ फिल्म ही फिल्म ‘ मे नजर आए थे.