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9 जनवरी सुनहरे युग में अपनी बुलंद आवाज़ की गायकी और देशभक्ति गीतों को गाने वाले महान पार्श्व गायक ‘ महेंद्र कपूर साहब

सुनहरे युग में अपनी बुलंद आवाज़ की गायकी और देशभक्ति गीतों को गाने वाले महान पार्श्व गायक ‘ महेंद्र कपूर साहब ‘ का 9 जनवरी को जन्म दिवस है महेंद्र कपूर साहब का जन्म सन् 1934 में हुआ था , पिताजी का अमृतसर ‘ में कपड़ो का बड़ा कारोबार था , इस कारोबार को बढ़ाने के उद्देश्य से पिताजी परिवार सहीत मुंबई आ गये, महेंद्र कपुर की प्रारंभिक और उच्च शिक्षा मुंबई में पूरी हुई, अपने पढ़ने लिखने के दिनों से ही उन्हें गाने का शौक था, इसलिए उन्होंने संगीत और शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण आकाशवाणी के कलाकार ‘ मनोहर पोतदार ‘ , नियाज एहमद, फैयाज एहमद और मशहूर संगीतकार जोड़ी ‘ हुस्नलाल भगतराम ‘ के पण्डित हुस्नलाल शर्मा और पण्डित तुलसीदास शर्मा से प्राप्त किया


महेंद्र कपूर साहब मन ही मन ‘ मोहम्मद रफ़ी साहब ‘ को अपना गुरु मानते थे और पार्श्व गायन के लियें रफ़ी साहब से सिखना चाहते थे , रफ़ी साहब ने उन्हें टालने के लियें कह दिया कि जाओ अपने घर से किसी बड़े मेम्बर को लेकर आओ मै उनसे बात करूंगा , दूसरे ही दिन महेंद्र कपूर अपने बड़े भाई को लेकर रफ़ी साहब के घर पहुंच गये, बात की गंभीरता को समझते हुए रफ़ी साहब ने महेंद्र कपूर साहब को गायन सिखाने के लियें हां कह दी।
तत्कालीन प्रसिद्ध रेडियो कंपनी ‘ मर्फी ” ने नये गायकों की खोज के लियें एक अखिल भारतीय स्तर की गायन प्रतियोगिता आयोजित की, जिसके निर्णायक मंडल मे थे – अनिल बिस्वास, सी रामचंद्र और नौशाद जैसे दिग्गज संगीत निर्देशक , हजारों प्रतिभागियों में- महेंद्र कपूर ‘ प्रथम विजेता रहें, सभी निर्णायक संगीत निर्देशकों ने उन्हें अपनी फिल्मों में पार्श्व गायन का अवसर दिया ये फिल्में थी ‘ सोहनी महीवाल, नवरंग आदि


उसी दौरान विख्यात फिल्मकार ‘ बी आर चोपड़ा ‘ का किसी बात पर ‘ रफ़ी साहब ‘ से मनमुटाव हो गया , और चोपड़ा साहब ने अपनी हर फिल्म में महेंद्र कपूर को गाने का भरपूर अवसर दिया जैसे – धूल का फूल, धर्म पुत्र, गुमराह, वक्त, हमराज , आदमी और इन्सान, धुंध, निकाह , आज की आवाज़ आदि
भारत सरकार ने उन्हें ‘ पद्मश्री ‘ से अंलकृत किया है
आपके गीतों से सजी कुछ अन्य फिल्मे है – उपकार , रोटी कपड़ा और मकान, बलिदान, प्यार किये जा , सी आय डी 909 , किस्मत, मोहब्बत जिंदगी है , कहीं दिन कहीं रात, पुरब और पश्चिम , आयें दिन बहार के, बहारे फिर भी आयेगी , डोली , अनमोल मोती , नागिन , लोफर , दादी माँ, हरियाली और रास्ता, जिस देश में गंगा बहती हैं, मालिक, गोपी , बंधन, भरोसा , गीत गाया पत्थरोने, यादगार, रूप तेरा मस्ताना, गीत , होली आई रे , वो कौन थी, ये रात फिर ना आयेगी , आलिंगन, परिवार, बदलते रिश्ते, राजपुत आदि लंबी लिस्ट है उन्होंने अपने कैरियर में 20 हजार से अधिक गाने गाये हैं, जिनमें हिन्दी के अलावा- पंजाबी , गुजराती, मराठी भोजपुरी, कन्नड़, सिन्धी, उड़िया और बंगाली फिल्में शामिल है


सन् 2008 में- महेंद्र कपूर साहब का स्वर्गवास हो गया
महेंद्र कपूर की जयंती पर सादर नमन 🙏🙏

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