filmymooz

347 POSTS

Exclusive articles:

केवल 36 दिनों में तैयार हुई थी साजन’ फिल्म, पढ़ें ऐसी ही अन्य रोचक बातें

सलमान खान, संजय दत्त और माधुरी दीक्षित अभिनीत फिल्म 'साजन' की रिलीज को 25 साल पूरे हो गए हैं. यह फिल्म 30 अगस्त 1991...

बॉलीवुड की वह फिल्म जिसे देखने के लिए सिनेमाघरों के बाहर चप्पल उतार दिया करते थे फैंस, 48 साल बाद नहीं टूटा रिकॉर्ड

बॉलीवुड में एक ऐसी भी फिल्म आई है, जिसने बॉक्स ऑफिस पर अपने बजट की 100 गुना कमाई की और आज तक इसका...

80के दशक में काफी सफल फिल्मे देने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री अमृता सिंह

80के दशक में काफी सफल फिल्मे देने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री अमृता सिंह का जन्म 9 फ़रवरी 1958 को एक सिख परिवार में हुआ था। ...

 टीटो खत्री :1970 और 1980 के दशक के अपने खोए हुए बाल अभिनेता को जानें

फिल्मी दुनिया में चाइल्ड एक्टर्स ने भी खास जगह बनाई है. क्या आपको अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना और शशि कपूर के बचपन का किरदार निभाने वाले मास्टर टीटू याद हैं? वह अब काफी बड़े हो गए हैं. उन्हें बतौर बाल कलाकार जितनी प्रसिद्धि मिली, बड़े होने के बाद नहीं मिल सकी. मनोरंजन जगत में शुरुआती दौर की फिल्मों में अक्सर फिल्म की कहानी हीरो के बचपन के किरदार से शुरू हुआ करती थी. हीरो काबचपन में बिछड़ना और फिर जवानी में मिलना. छोटी उम्र में गरीबी और लाचारी वाले दिन देखना और फिर बड़े होने के बाद गुंडों की पिटाई करना…राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) की ‘रोटी’, अमिताभ बच्चन की ‘परवरिश’, ‘सुहाग’, ‘यराना’ जैसी फिल्में इस तरह की फिल्मों के उदाहरण हैं. ऐसे में इन फिल्मों में हीरो के बचपन का किरदार निभाने वाले बाल कलाकार भी उस दौर में खास होते थे. आइए, आपको ‘रोटी’ में राजेश खन्ना के बचपन के किरदार निभाने वाले चाइल्ड आर्टिस्ट के बारे में बताते हैं. इन फिल्मों में मासूम और लाचार दिखने वाले चाइल्ड आर्टिस्ट का नाम मास्टर टीटू है. मास्टर टीटू ने न सिर्फ अमिताभ बच्चन(Amitabh bachchan) और राजेश खन्ना के बचपन के किरदार निभाए, बल्कि बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट शशि कपूर संग सुपरहिट फिल्म ‘आ गले लग जा’ दी थी. टीटू शशि कपूर को अंकल कहते थे. इस फिल्म में काम करते वक्त टीटू मात्र 6-7 साल के थे. इतना ही नहीं, फिल्म ‘सुहाग’ में मास्टर टीटू ने शशि कपूर (Shashi Kapoor) के बचपन का किरदार भी निभाया था. मास्टर टीटू कानाम ‘टीटू खत्री’ है. उस दौर में वह एक पॉपुलर चाइल्ड आर्टिस्ट थे. टीटू बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट घर-घर में पहचाने जाने लगे थे. लेकिनबड़े-बड़े होते उनकी पहचान धुंधली होने लगी. वह साइड रोल में दिखने लगे थे. लेकिन पहली जितनी पॉपुलैरिटी नहीं रही. अब ये काम कर रहे हैं टीटू खत्री धीरे-धीरें उन्होंने एक्टिंग की दुनिया से किनारा कर लिया और स्क्रिप्ट राइटिंग और विज्ञापनों और टीवी सीरियल्स को डायरेक्ट करनेलगे. उन्होंने कुबुल है, ‘सपने सुहाने लड़कपन के’, ‘रब से सोना इश्क’ जैसे कई शो लॉन्च किए हैं. वह कई टीवी चैनलों को साथ मिलकरकाम कर चुके हैं. वह इन दिनों वायकॉम 18 के इनहाउस डायरेक्टर हैं.

समीर :जिनकी कलम ने कई यादगार गीत लिखे

90के दशक में बॉलीवुड के सबसे व्यवस्त और लोकप्रिय गीतकार रहे समीर का जन्म 24 फरवरी 1958 में बनारस उत्तर प्रदेश केओदार गाँव मे हुआ था उनके पिता अंजान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के प्रसिद्ध गीतकार थे      फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले  समीर पढ़ाई कर बैंक में नौकरी करते थे। उनके पिता नहीं चाहते कि वो फिल्मी उद्योग में आए क्योंकिउन्होंने खूब संघर्ष किया था। लेकिन समीर का ध्यान उसी तरफ था और 1980 में वो बम्बई पलायन कर गए। उन्हें सबसे पहले 1983 की फिल्म बेखबर में गीत लिखने का अवसर मिला था इसके बाद उन्होंने कई बड़ी फिल्मों में गीत लिखें जिसमें इंसाफ कौन करेगा(1984), जवाब हम देंगे (1987), दो कैदी (1989), रखवाला (1989), महासंग्राम (1990) और बाप नम्बरी बेटा दस नम्बरी(1990) शामिल हैं। लेकिन उनको प्रसिद्धि और पहचान 1990 की दो फ़िल्मों दिल ( माधुरी आमिर) और आशिकी(  राहुल अनु )सेमिली  यह दोनो ही फिल्मे सुपरहिट रही थी  उन्होंने इन फिल्मों के संगीतकार आनंद-मिलिंद और नदीम-श्रवण के साथ कई प्रशंसितऔर लोकप्रिय गीतों की रचना की  विशेषकर नदीम-श्रवण के साथ उनका विशेष रिश्ता था।  इनकी जोड़ी ने लगभग एक डेढ़ दशक तकइंडस्ट्री में राज किया और अनेकों सुपरहिट गाने दिए कुछेक फिल्मों को छोड़कर उन्होंने हर फिल्म में गीतकार के रूप में समीर को हीलिया और तीनों फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार उन्हें नदीम-श्रवण के संगीतबद्ध गीतों के लिये ही मिले। समीर    मजरुह सुल्तानपुरी और आनन्दबक्शी से प्रभावित हैं और उन्हें अपने पिता सहित प्रेरणा स्त्रोत मानते हैं।। इनके ज्यादातर गीत हिट हुए और इनके द्वारा लिखें गए गीतआज भी लोगोंं की जुबानोंं पर हैं।  उनके पास सबसे अधिक गीत लिखने का गिनीज़ विश्व कीर्तिमान है। उन्होंने लगभग 650 फिल्मोंमें 4000 से अधिक गाने लिखे हैं। उन्हें यश भारती पुरस्कार भी मिला है। 

Breaking

spot_imgspot_img
Facebook Comments Box