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ये हैं भारतीय सिनेमा इतिहास के पहले अभिनेता।

जब भी बात आती हैं बॉलीवुड या यूं कहें भारत के पहले एक्टर की तो ये चार नाम उभरकर सामने आता हैं। क्योंकि ये...

सन 1948 में प्रदर्शित फ़िल्म ‘मन्दिर’ से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

आज से 75 वर्ष पूर्व सन 1948 में एक हिन्दी फ़िल्म आई थी। नाम था 'मन्दिर'। इस फ़िल्म से जुड़ी एक बात जो शायद आज के सिने प्रेमियों को भी रोचक लगे वह यह है कि इस फ़िल्म में बतौर अभिनेत्री एक भूमिका में नज़र आईं लता मंगेशकर, जिन्होंने बाद में एकगायिका के रूप में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की थी।  फ़िल्म 'मन्दिर' में लता मंगेशकर ने अभिनय के अलावा गायन भी किया था। इस फ़िल्म से जुड़ा एक और रोचक तथ्य है। यह अभिनेत्री के रूप में अपने समय की प्रख्यात अभिनेत्री नन्दा की पहली फ़िल्म थी। उसवक्त नन्दा की उम्र लगभग नौ वर्ष थी। इस फ़िल्म में वे एक बाल कलाकार के रूप में नज़र आईं। फ़िल्म के दो निर्देशक थे। एक थे अभिनेत्री नन्दा के पिता मास्टर विनायक और दूसरे दिनकर पाटिल। मास्टर विनायक (पूरा नाम: विनायक दामोदर कर्नाटकी)  अपने ज़माने के जाने-माने फ़िल्म निर्देशक और अभिनेता थे। 19 अगस्त 1947 को 41 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था।  फिल्म 'मंदिर' में मास्टर विनायक ने निर्देशन की ज़िम्मेदारी संभालने के अतिरिक्त अभिनय भी किया था। फ़िल्म में उन्होंने एक दाढ़ीवाले वृद्ध व्यक्ति की भूमिका निभाई थी। यह फ़िल्म उनकी मृत्यु के बाद प्रदर्शित हुई। 'मन्दिर' फ़िल्म में संगीत दिया था वसन्त देसाई ने। गीत लिखे थे नरेन्द्र शर्मा ने। इस फ़िल्म में प्रमुख भूमिकाओं में  थे-शांता आप्टे, शाहू मोडक, जयमाला, लता मंगेशकर, मास्टर विनायक, जानकीदास और बेबीनन्दा। DPPant/FB022023

बेटे का करियर संवारने के लिए धर्मेंद्र ने बनाई थी ‘घायल’,प्रीमियर पर जाने से ही सनी देओल ने कर दिया था इनकार

सनी देओल आज भले ही सफलता की कहानी कह रहे हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था कि सनी की एक-एक कर 11 फिल्में फ्लॉप हो गई थीं. ऐसे समय में अपने बेटे के डगमगाते फिल्मी करियर को संवारने के लिए पापा धरम सामने आए. साल 1990 में राजकुमार संतोषी के निर्देशन में धर्मेंद्र ने ‘घायल’ फिल्म बनाई, हालांकि इस कहानी पर कोई फिल्म बनाने के लिए तैयार नहीं था तो सनी ने अपने पापा से गुजारिश की. पापा ने फिल्म की कहानी सुनी, उन्हें पसंद आई और धर्मेंद्र फिल्म प्रो़ड्यूस करने के लिए तैयार हो गए.  एक्शन ड्रामा पर आधारित इस फिल्म को हिट करवाने के लिए धर्मेंद्र कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते थे. इसलिए अपने बेटे सनी के अपोजिट श्रीदेवी को कास्टकरना चाहते थे, हालांकि फिल्म बनी मीनाक्षी शेषाद्री (Meenakshi Seshadri) के साथ और इनकी जोड़ी फिल्मी पर्दे पर जबरदस्तहिट रही. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस से लेकर फिल्मफेयर अवॉर्ड्स फंक्शन तक छाई रही, जबकि पापा धर्मेंद्र और खुद सनी फिल्म कोलेकर बेहद डरे हुए थे. ‘घायल’ की जबरदस्त सफलता ने सनी देओल के करियर को सिर्फ संवारा ही नहीं, बल्कि सफलता की उड़ान भरने के लिए आसमान पर छाए बादल साफ कर आगे की राह आसान बना दी थी. सुपर डुपर हिट रही इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी खूब कमाई की औरकई अवॉर्ड्स अपने नाम किए, हालांकि फिल्म मेकिंग के समय राजकुमार संतोषी और धर्मेंद्र दोनों ही इस फिल्म को लेकर काफी डरे हुएथे. सनी का सितारा चमकाने के लिए पिता धर्मेंद्र की परेशानी लाजमी भी थी, लेकिन सनी की ये फिल्म उनके करियर में टर्निंग प्वाइंटबन गई. इसका अंदाजा न सनी को था न ही धर्मेंद्र को और न ही डायरेक्टर राजकुमार संतोषी को, लेकिन एक इंसान था जिसे सनी परपूरा भरोसा था. श्रीदेवी ने ‘घायल’ का ऑफर ठुकरा दिया था ‘घायल’ ने सनी देओल को एक्शन हीरो के रूप में पहचान बनाई और एक्टर के करियर को किक भी मिला. फिल्म के दमदार डायलॉग और सनी देओल की लाजबाव एक्टिंग ने हर किसी का दिल जीत लिया था. इस फिल्म में धर्मेंद्र श्रीदेवी को कास्ट करना चाहते थे, लेकिन उस वक्त कई एक्ट्रेसेस ने सनी के साथ फिल्में करने से इनकार कर दिया था. ‘कैच न्यूज’ को दिए एक इंटरव्यू में खुद सनी नेबताया था कि ‘श्रीदेवी को फिल्म के लिए जब एप्रोच किया गया तो उन्होंने फिल्म का ऑफर ठुकरा दिया था. सनी देओल की वजह से हो गई थी टेंशन जब श्रीदेवी ने फिल्म करने से इनकार कर दिया तो राजकुमार संतोषी ने मीनाक्षी शेषाद्री कानाम सुझाया था. कहते हैं कि राजकुमार के दिल में मीनाक्षी को लेकर सॉफ्ट कार्नर था, वह उन्हें बेहद पसंद करते थे. खैर फिल्म जबरिलीज हुई तो मीनाक्षी और सनी की जोड़ी ने कमाल कर दिया. इसके बाद इस जोड़ी ने कई फिल्मों में साथ काम किया. धर्मेंद्र औरराजकुमार यहां तक की सनी खुद फिल्म की रिलीज से पहले डरे हुए थे लेकिन मीनाक्षी बेहद कॉन्फिडेंट थीं. कहते हैं कि सनी देओलइतने डरे हुए थे कि फिल्म के प्रीमियर पर जाने से ही इनकार कर दिया था. सनी के इस रवैये से पूरी टीम टेंशन में आ गई थी. दरअसल, सनी को डर था कि उनकी पिछली 11 फिल्मों की तरह अगर ‘घायल’ भी नहीं चली तो अपने पापा को क्या मुंह दिखाएंगे ? सनी देओल से काफी प्रभावित थीं मीनाक्षी शेषाद्री सनी देओल के साथ काम करते समय सनी का अपने काम के प्रति लगन, उनकीपर्सनैलिटी, डायलॉग डिलेवरी, एक्टिंग से मीनाक्षी शेषाद्री काफी प्रभावित थीं. मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘फिल्मकिस हद तक चलेगी या कामयाब होगी यह तो मैं नहीं कह सकती थी लेकिन सनी के बारे में मुझे पूरा भरोसा था’. हालांकि मीनाक्षी शेषाद्री की तुलना में फिल्म की सफलता का श्रेय सनी को ही ज्यादा मिला था.

प्राण :हिन्दी फ़िल्मों के सबसे प्रमुख चरित्र अभिनेता और खलनायक

प्राण (जन्म: 12 फ़रवरी 1920; मृत्यु: 12 जुलाई 2013) हिन्दी फ़िल्मों के एक प्रमुख चरित्र अभिनेता कई बार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार तथा बंगाली फ़िल्म जर्नलिस्ट्स...

आखिर किस मजबूरी के चलते ‘शराबी’ फिल्म में अमिताभ अपना एक हाथ जेब में डाल कर रखते थे?

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की फिल्म 'शराबी' जो साल 1983 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म को प्रकाश मेहरा ने डायरेक्ट किया था सदी...

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"लंदन से आया है बाबू छैला" गाने की रिहर्सल...
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