बॉलीवुड के देखे अनदेखे चेहरे

समीर :जिनकी कलम ने कई यादगार गीत लिखे

90के दशक में बॉलीवुड के सबसे व्यवस्त और लोकप्रिय गीतकार रहे समीर का जन्म 24 फरवरी 1958 में बनारस उत्तर प्रदेश केओदार गाँव मे हुआ था उनके पिता अंजान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के प्रसिद्ध गीतकार थे      फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले  समीर पढ़ाई कर बैंक में नौकरी करते थे। उनके पिता नहीं चाहते कि वो फिल्मी उद्योग में आए क्योंकिउन्होंने खूब संघर्ष किया था। लेकिन समीर का ध्यान उसी तरफ था और 1980 में वो बम्बई पलायन कर गए। उन्हें सबसे पहले 1983 की फिल्म बेखबर में गीत लिखने का अवसर मिला था इसके बाद उन्होंने कई बड़ी फिल्मों में गीत लिखें जिसमें इंसाफ कौन करेगा(1984), जवाब हम देंगे (1987), दो कैदी (1989), रखवाला (1989), महासंग्राम (1990) और बाप नम्बरी बेटा दस नम्बरी(1990) शामिल हैं। लेकिन उनको प्रसिद्धि और पहचान 1990 की दो फ़िल्मों दिल ( माधुरी आमिर) और आशिकी(  राहुल अनु )सेमिली  यह दोनो ही फिल्मे सुपरहिट रही थी  उन्होंने इन फिल्मों के संगीतकार आनंद-मिलिंद और नदीम-श्रवण के साथ कई प्रशंसितऔर लोकप्रिय गीतों की रचना की  विशेषकर नदीम-श्रवण के साथ उनका विशेष रिश्ता था।  इनकी जोड़ी ने लगभग एक डेढ़ दशक तकइंडस्ट्री में राज किया और अनेकों सुपरहिट गाने दिए कुछेक फिल्मों को छोड़कर उन्होंने हर फिल्म में गीतकार के रूप में समीर को हीलिया और तीनों फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार उन्हें नदीम-श्रवण के संगीतबद्ध गीतों के लिये ही मिले। समीर    मजरुह सुल्तानपुरी और आनन्दबक्शी से प्रभावित हैं और उन्हें अपने पिता सहित प्रेरणा स्त्रोत मानते हैं।। इनके ज्यादातर गीत हिट हुए और इनके द्वारा लिखें गए गीतआज भी लोगोंं की जुबानोंं पर हैं।  उनके पास सबसे अधिक गीत लिखने का गिनीज़ विश्व कीर्तिमान है। उन्होंने लगभग 650 फिल्मोंमें 4000 से अधिक गाने लिखे हैं। उन्हें यश भारती पुरस्कार भी मिला है। 

सलीम यूसुफ़ ख़ान उर्फ़ सलीम डिंग डाँग :एक स्टंटमैन जिन्होंने काफ़ी फ़िल्मों में छोटी भूमिकाएँ की है ।

अगर आप ने 80'और 90 की फिल्मे देखी है तो हेल्दी शरीर घूँघराले लम्बे बाल फनी एक्ट करते डिंग डॉन्ग को देखा होगा जो ज्यादातरहीरो के दोस्त का किरदार निभाते थे सलीम आज के दौर के लगभग सभी सुपरस्टार के साथ काम कर चुके है.... 1965 बांद्रा मुंबई मे जन्मे सलीम युसूफ खान को बाइक चलाने को शौक था और ये चलती मोटर साईकिल पर स्टंट भी करते थे एक दिन बांद्रा मे इन्हे सुभाष घई ने बाइक चलाते देखा और अपनी फ़िल्म हीरो के लिए साइन कर लिया हीरो फ़िल्म मे इनके चलती बाइक पेकरने वाले स्टंट करने वाले सलीम को लोगो ने पसन्द किया इसके बाद इन्हे फूल और काटे फ़िल्म मे नोटिस किया जो अजय का ग्रुपज्वाइन करता है.. फिर नरसिम्हा. विस्वात्मा.जो जीता वही सिकंदर.दीवाना.जिगर.आतिश. सुहाग. करण अर्जुन.कृष्णा. गुलाम.जैसी ढेरो फ़िल्म मे कामकरने वाले सलीम को लोगो ने काफ़ी पसन्द किया फ़िल्म पार्टनर इनकी आखिरी फ़िल्म थी फिर 2011मे इन्हे दिल का दौरा पड़ा जिसमे इनकी मृत्यु हो गयी और सालो तक हमे हसाने वाले सलीम हमे छोड़ कर चले गए.🎥🎞️📽️🎬 Copy

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जगजीत सिंह का नाम बेहद लोकप्रिय ग़ज़ल गायकों में शुमार हैं। उनका संगीत अंत्यंत मधुर है और उनकी आवाज़ संगीत के साथ खूबसूरती...

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ए के हंगल : इन्हें हिन्दी सिनेमा में ज्यादातर चरित्र भूमिकाएँ निभाने के लिए याद किया जाता है।

1929 से 1947 तक एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे  बॉलीवुड फिल्म उद्योग में सबसे अधिक पहचाने जाने वाले व्यक्तित्वों और लोकप्रिय अभिनेताओं में से...

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