80 के दशक में अनिल कपूर ने यश चोपड़ा की दो फिल्मों में काम किया, मशाल और विजय। अनिल कपूर की इच्छा थी कि वो कभी यश चोपड़ा की ऐसी फिल्म में काम करे जिसमे वो अकेले हीरो हो क्योंकि मशाल में दिलीप कुमार की मुख्य भूमिका थी और विजय मल्टीस्टार फिल्म थी। 1991 में यश चोपड़ा अपनी अगली फिल्म लम्हे बनाने की सोच रहे थे तो इस फिल्म के लिए उन्होंने अमिताभ बच्चन और श्रीदेवी को लेने की सोची लेकिन श्रीदेवी को इस रोल के लिए अमिताभ बच्चन सही नही लग रहे थे और ये बात उन्होंने यश चोपड़ा को बताई। इस फिल्म की कहानी हनी ईरानी ने लिखी थी और हनी ईरानी ने यश चोपड़ा को अनिल कपूर का नाम सुझाया। हनी ईरानी के कहने पर यश चोपड़ा ने अनिल कपूर से मुलाकात तो कर ली लेकिन अनिल कपूर इस रोल के लिए यश चोपड़ा को थोड़ा उम्र में बड़े लगे क्योंकि फिल्म में हीरो को जवानी के रोल में भी दिखाना था इसलिए अनिल कपूर को इस फिल्म के लिए मना कर दिया। अनिल कपूर इस वजह से काफी मायूस हो गए। उनको लगता था कि इस फिल्म की कहानी अलग सी है और इस फिल्म के हीरो के रूप में लोग उसे बहुत पसंद करेंगे इसलिए अनिल कपूर यश चोपड़ा के पीछे लगे रहे इस रोल के लिए। आखिर में यश चोपड़ा को हार माननी पड़ी और अनिल कपूर को लम्हे फिल्म का।हीरो बना दिया। लेकिन एक शर्त रख दी कि इस रोल के लिए उन्हें अपनी मूंछों की कुर्बानी देनी होगी। ये सुनकर अनिल कपूर को चक्कर आने लगे क्योंकि इससे पहले बिना मूंछ के उन्होंने कोई फिल्म नहीं की थी। फिर भी अनिल कपूर ने यश चोपड़ा की बात मानी और अपनी मूंछें कटा ली । इस तरह अपनी अनिल कपूर को अपनी मूंछें कटवा कर यश चोपड़ा के साथ काम करने को मिला। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई। अनिल कपूर को तो कोई अवार्ड नही मिला लेकिन श्रीदेवी को इस फिल्म के लिए सबसे बेहतरीन हीरोइन का फिल्मफेयर अवार्ड मिल गया।