“नदिया के पार” 1982 में रिलीज़ हुई एक क्लासिक भारतीय फिल्म है। गोविंद मूनिस द्वारा निर्देशित, यह एक ग्रामीण पृष्ठभूमि में स्थापित एक रोमांटिक ड्रामा है। फिल्म ने अपार लोकप्रियता हासिल की और वर्षों में एक कल्ट क्लासिक बन गई।
पेश हैं फिल्म से जुड़े कुछ तथ्य :
- कहानी: “नदिया के पार” दो चचेरी बहनों, चंदन और गुंजा की प्रेम कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो भारत के उत्तर प्रदेश के एक ग्रामीण गाँव से ताल्लुक रखती हैं। फिल्म उनके मासूम प्यार, उनके सामने आने वाली चुनौतियों और उनसे उबरने की उनकी यात्रा को खूबसूरती से दर्शाती है।
- कास्ट: फिल्म में क्रमशः चंदन और गुंजा की मुख्य भूमिकाओं में सचिन पिलगाँवकर और साधना सिंह हैं। अन्य उल्लेखनीय कलाकारों में मिताली, इंदर ठाकुर, सविता बजाज और लीला मिश्रा शामिल हैं।
- संगीत: फिल्म का साउंडट्रैक रवींद्र जैन द्वारा रचित है, गीत के बोल खुद रवींद्र जैन ने लिखे हैं। “नदिया के पार” के गाने बेहद लोकप्रिय हुए और सदाबहार क्लासिक्स माने जाते हैं। भावपूर्ण धुनों और सार्थक गीतों ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
- ग्रामीण पृषभूमि : फिल्म यमुना नदी के किनारे एक ग्रामीण गांव में स्थापित है। गाँव की प्राकृतिक सुंदरता और ग्रामीण जीवन और संस्कृति का चित्रण कथानक में प्रामाणिकता जोड़ता है।
- सांस्कृतिक विषय: “नदिया के पार” ग्रामीण भारत की परंपराओं, रीति-रिवाजों और मूल्यों को प्रदर्शित करता है। फिल्म ग्रामीण उत्सवों, लोक संगीत, नृत्य और विभिन्न सांस्कृतिक अनुष्ठानों के सार को खूबसूरती से पकड़ती है।
- बॉक्स ऑफिस पर सफलता: “नदिया के पार” एक व्यावसायिक सफलता थी और कई हफ्तों तक सिनेमाघरों में चली। यह व्यापक दर्शकों के साथ प्रतिध्वनित हुआ, विशेष रूप से वे जो ग्रामीण स्पर्श के साथ रोमांटिक फिल्मों की सराहना करते हैं।
- रीमेक और अनुकूलन: फिल्म को हिंदी में “हम आपके हैं कौन..!” 1994 में, सूरज बड़जात्या द्वारा निर्देशित। यह अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्मों में से एक बन गई।
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