यह कहानी एक सुपर फ्लॉप तमिल फिल्म की कहानी पर आधारित है, जिसका हिंदी में तैयार किया गया और फिर वो हिंदी में सुपरहिट हो गई।
1991 में, शबनम कपूर ने एक तमिल फिल्म “वसंत रागम” देखी जो उनको बहुत पसंद आई, और उन्होंने इस फिल्म की कहानी पर एक हिंदी फिल्म बनाने का फैसला किया। “वसंत रागम” के निर्देशक एस ए चंद्रशेखर को उन्होंने बुलाया और उनको इस फिल्म को हिंदी में बनाने का प्रस्ताव दिया। लेकिन एस ए चंद्रशेखर ने कहा कि ये वसंत रागम एक सुपर फ्लॉप फिल्म है, इसलिए आप इस कहानी पर फिल्म न बनाएं।
लेकिन शबनम कपूर ने ठान ली कि वो इस कहानी पर फिल्म जरूर बनाएगी। कुछ समय बाद, उनकी मुलाकात गुड्डू धनुआ से हुई, जो धर्मेंद्र के मामा के बेटे हैं। शबनम ने गुड्डू को इस कहानी की जानकारी दी, और गुड्डू को भी यह कहानी पसंद आ गई। इसके बाद गुड्डू ने एक नए निर्देशक, राज कंवर, को इस फिल्म को बनाने के जिम्मेदारी दी, और कहानी में थोड़ा सा हेरफेर करके इस कहानी पर फिल्म बना डाली।
फिल्म का नाम था “दीवाना,” जो कि शाहरुख़ ख़ान की पहली रिलीज़ फिल्म थी। इस तरह से, एक सुपर फ्लॉप तमिल फिल्म की कहानी पर जब हिंदी में फिल्म बनी, तो वो हिंदी में सुपरहिट हो गई।