एक अभिनेता हुआ करते थे, शेख मुख्तार। मुगल ए आजम फिल्म देखने के बाद शेख मुख्तार को भी लगा की वो भी ऐसे ही एक बड़ी फिल्म बनाएंगे। फिल्म बनानी शुरू कर दी और फिल्म का नाम रखा नूरजहां । फिल्म में मीना कुमारी और प्रदीप कुमार जैसे बड़े कलाकार को लिया गया । यह फिल्म बनाने में उन्होंने बहुत कर्ज ले लिया था और अपना सब कुछ कमा के बचाया गया पैसा भी इस फिल्म में लगा दिया । जब ये फिल्म रिलीज हुई तो बुरी तरह से फ्लॉप हो गई । शेख मुख्तार से कर्ज वापस मांगने लोग आने लगे । करीब 22 लाख का कर्ज हो गया था उसपर जो चुकाना मुमकिन नही था। एक रात शेख मुख्तार अपनी नूरजहां फिल्म का प्रिंट लेकर पाकिस्तान भाग गए और वहां नूरजहां को रिलीज करने की कोशिश करने लगे, लेकिन एक पाकिस्तानी ने उस पर कोर्ट केस कर दिया की यहां भारतीय फिल्म रिलीज नहीं कर सकते क्युकी पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों को दिखाने पर रोक हैं। काफी साल केस चला, इस बीच शेख मुख्तार की तबियत खराब रहने लगी । काफी सालों बाद कोर्ट केस का फैसला आ गया और उनको नूरजहां को पाकिस्तान सिनेमा में रिलीज की इजाजत मिल गई तो शेख मुख्तार नूर जहां को रिलीज करने के लिए कराची और लाहौर जाने लगे लेकिन रास्ते में ही उनको दिल का दौरा पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई । उनकी मृत्यु के कुछ वक्त के बाद नूरजहां पाकिस्तान में रिलीज हुई और किस्मत देखिए। जो नूरजहां भारत में बुरी तरह से फ्लॉप हो गई थी, वो ही नूरजहां पाकिस्तान में सुपर हिट हो गई पर अफसोस की नूरजहां की सफलता को देखने के लिए शेख मुख्तार दुनिया में नहीं थे ।