फिल्म निर्देशक के शंकर ने शम्मी कपूर और साधना को लेकर एक फिल्म बनाई, राजकुमार। फिल्म में संगीत था शंकर जयकिशन का। शंकर जयकिशन उस समय फिल्म संगीत की दुनिया के सुपरस्टार हुआ करते थे। एक से बढ़कर एक फिल्म में उच्च कोटि का संगीत दे रहे थे। लेकिन न जाने क्या हुआ की फिल्म राजकुमार का संगीत फिल्म की रिलीज से पहले इतना प्रसिद्ध नही हो रहा था। फिल्म के म्यूजिक रिकॉर्ड्स भी उतनी मात्रा में नहीं बिक रहे थे जितनी की उम्मीद थी। ऐसा पहली बार हुआ था क्योंकि उनकी फिल्मों के म्यूजिक रिकॉर्ड्स मार्किट में आते ही हाथो हाथ बिक जाया करते थे। शंकर जयकिशन इस बात से बहुत निराश थे। शंकर जयकिशन के विरोधियों को तो ये अफवाह फैलाने का मौका मिल गया कि शंकर जयकिशन के दिन अब लद गए है, उनके संगीत के जादू का दौर अब खत्म हो गया । ये सब बातें शंकर जयकिशन की इज्जत का सवाल बन गई थी। एक दिन शंकर ने अपने मैनेजर को बुलाया और कहा कि प्रेस को बोलो कि दो दिन में बहुत बड़ी खबर आने वाली है । अगले दिन शंकर ने अपने संपर्क में जितने भी लोग थे उनसे संपर्क करके फिल्म राजकुमार के जितने भी म्यूजिक रिकॉर्ड्स म्यूजिक की दुकानों पर थे स्वयंम खरीद लिए । तकरीबन ढाई लाख रुपए के लगभग सभी म्यूजिक रिकॉर्ड्स शंकर ने म्यूजिक की दुकानों से खरीद लिए और अगले दिन अखबारों में ये खबर छपवा दी कि राजकुमार के सभी म्यूजिक रिकॉर्ड्स बिक चुके है और हालात ऐसे है कि राजकुमार के म्यूजिक रिकॉर्ड्स की काला बाजारी शुरू हो चुकी है। नतीजा ये हुआ कि राजकुमार के म्यूजिक रिकॉर्ड्स खरीदने की लोगो में उत्सुकता जाग उठी। भीड़ दुकानों पर टूट पड़ी और नतीजा ये हुआ कि राजकुमार का म्यूजिक दुकानों पर हाथोहाथ बिक गया। कमाल की बात ये है की फिल्म की कामयाबी में जिसका सबका बड़ा हाथ था वो फिल्म का म्यूजिक ही था ।