शर्मिला टैगोर को हिंदी फिल्मों में तब ब्रेक मिला जब उन्हें फिल्म निर्माता सत्यजीत रे ने अपनी फ़िल्म में लिया।
रे ने उन्हें 1959 में अपनी बंगाली फिल्म “अपुर संसार” (द वर्ल्ड ऑफ अपू) में मुख्य भूमिका में लिया।
फिल्म में उनके शानदार प्रदर्शन ने ध्यान आकर्षित किया, जिससे उनकी हिंदी फिल्म उद्योग में प्रवेश हो गया। उन्होंने 1964 में फिल्म “कश्मीर की कली” से हिंदी सिनेमा में अपनी शुरुआत की, जिसने बॉलीवुड में अपने सफल करियर की शुरुआत की।
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