Homeबॉलीवुड के रोचक प्रसंग और कहानियाँसंजय दत्त और माधुरी दीक्षित - एक अधूरी प्रेम कहानी।

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संजय दत्त और माधुरी दीक्षित – एक अधूरी प्रेम कहानी।

1987 में टी रामाराव एक फिल्म बना रहे थे खतरों के खिलाड़ी। फिल्म में संजय दत्त और माधुरी दीक्षित भी थे। ये वो समय था जब माधुरी दीक्षित को एक हिट फिल्म की जरूरत थी। इसी साल संजय दत्त की रिचा शर्मा के साथ शादी भी हो गई थी। इस फिल्म को करते वक्त माधुरी दीक्षित और संजय दत्त में अच्छी दोस्ती हो गई। इस फिल्म के बाद दोनो ने साथ में इलाका, कानून अपना अपना, थानेदार, साजन, साहिबा और खलनायक में साथ में काम किया जिसमे से थानेदार, साजन और खलनायक सुपरहिट भी हो गई। ये फिल्म करते वक्त दोनो की दोस्ती नजदीकियों में बढ़ती चलती गई और फिल्मी पत्रिकाओं में दोनो के रिश्ते के बारे में भी छपना शुरू हो गया । इधर दोनो की नजदीकियां बढ़ रही थी और उधर संजय दत्त और उनकी पत्नी रिचा शर्मा के रिश्तों में दरार आनी शुरू हो गई। अब वजह माधुरी दीक्षित और संजय दत्त की नजदीकियों की खबरे थी या कुछ और वो तो नही कह सकते लेकिन कुछ वक्त बाद संजय और रिचा ने एक दूसरे से अलग होने का फैसला कर लिया और रिचा हमेशा के लिए अपने माता पिता के पास अमेरिका चली गई । इधर संजय और माधुरी के इश्क के चर्चे इतना होने लगे कि ये भी कहा जाने लगा की दोनो ने किसी कि भी परवाह न करते हुए एक दूसरे से चुपके से शादी भी कर ली लेकिन ये कभी साबित नही हो सका। 1993 में संजय दत्त फिल्म यलगार की शूटिंग के लिए विदेश गए हुए थे कि संजय की बहन प्रिया ने संजय को फोन करके बताया कि संजय पर टाडा के तहत मुकदमा दर्ज हो गया है और भारत पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा और ऐसा हुआ भी। टाडा के तहत मुकदमा दर्ज होना मतलब हमेशा के लिए जेल की सलाखों के पीछे चले जाना। बस इस बात की खबर जब माधुरी को लगी तो उसने हमेशा के लिए संजय से किनारा कर लिया और ये प्रेम कहानी अधूरी ही रह गई।

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