1988 में फिल्म निर्देशक दीपक बाहरी जूही चावला को अपनी फिल्म में हीरोइन लेने के लिए उनसे मिलने पहुंचे। जूही की उस समय फिल्म कयामत से कयामत तक सुपरहिट हो चुकी थी। जूही ने दीपक के फिल्म की कहानी सुनी और बोला की वो सोचकर बताएंगी। इस सोचने सोचने में ही जूही चावला ने एक साल निकाल दिया। दीपक की इस फिल्म के लिए सलमान खान को साइन कर लिया गया था और उस समय सलमान की फिल्म मैंने प्यार किया सुपरहिट हो चुकी थी। जब इतना लंबा इंतजार करने के बाद दीपक ने जूही से पूछा की आप फिल्म करना चाहती है की नहीं तो करीब डेढ़ साल निकल जाने के बाद जूही ने कहा कि वो फिल्म तो करना चाहती है पर किसी नए हीरो के साथ फिल्म नहीं करेंगी। अगर किसी नए हीरो को ही लेना है तो मेरे साथ काम कर चुके आमिर खान को ले सकते है। इस फिल्म के निर्माता थे बॉबी केंट जो सलमान के अच्छे दोस्त थे इसलिए सलमान की जगह किसी और हीरो को लिया नही जा सकता था इसलिए दीपक ने जूही को ही मना कर दिया और एक नई हीरोइन आयशा जुल्का को इस फिल्म से लॉन्च कर दिया । फिल्म बनी और रिलीज भी हो गई। सब ये बात भूल भी गए थे कि जूही से भी इस फिल्म के लिए बात कि गई थी लेकिन सलमान खान को ये बात भूली नहीं थी। ये बात सलमान के दिमाग में घर कर गई थी कि जूही ने उनके वजह से ये फिल्म करने से मना किया। सलमान ने एक तरह से कसम खा ली की वो भी कभी जूही के साथ किसी फिल्म में काम नहीं करेंगे। वक्त बिता और सलमान एक बड़े स्टार भी बन गए। उनको दर्जनों ऑफर मिले जूही के साथ काम करने के लेकिन वो मना करते चले गए। काफी वक्त बीत जाने के बाद दोस्ती के खातिर डेविड धवन की फिल्म दीवाना मस्ताना में जूही के साथ कुछ मिनट की मेहमान भूमिका जरूर की। आज इतने बरस बीतने के बाद सलमान जूही से मिल तो लेते ही है लेकिन माफ कर दिया ये पता नही क्योंकि अब तक भी उन्होंने जूही के साथ कोई फिल्म की नहीं है।