डैनी डेन्जोंगपा एक प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता हैं, जिन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में भी काम किया है।
उनके साक्षात्कारों के अनुसार, डैनी डेन्जोंगपा को उनकी पहली फिल्म भूमिका 1971 में बी.एस. द्वारा निर्देशित नेपाली फिल्म “मैतीघर” में मिली। थापा। उन्होंने फिल्म में सहायक भूमिका निभाई, उनके करियर की शुरूआत फिल्म ‘जरूरत’ से हुई थी लेकिन फिल्म ‘मेरे अपने’ में उन्होंने सकारात्मक भूमिका निभाई। उन्होंने पहली प्रमुख नकारात्मक भूमिका फिल्म ‘धुंध’ में निभाई। इसके बाद वे कई फिल्मों में दिखाई दिए और उनके अभिनय का कमाल सभी ने देखा। आलोचकों और जनता ने हमेशा से ही उनको सराहा है। फिल्म ‘घातक’ में उनके द्वारा निभाया गया किरदार ‘कात्या’ आज भी लोगों को भुलाए नहीं भूलता। यह भूमिका उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ थी, और वह बॉलीवुड में सबसे लोकप्रिय चरित्र अभिनेताओं में से एक बन गए।
तब से, डैनी डेन्जोंगपा ने “कभी कभी,” “धुंध,” “गुलाम,” “अशोका,” और “लगे रहो मुन्ना भाई” जैसी कई समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों में अभिनय किया है। उन्होंने अपने प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कार भी जीते हैं, जिसमें फिल्म “लम्हे” (1992) के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी शामिल है।