निर्माता निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने फिल्म बनाई खामोश। फिल्म में अमोल पालेकर, नसीरूदीन शाह, पंकज कपूर, शबाना आज़मी आदि जैसे मंझे हुए कलाकार फिल्म में थे। फिल्म बनने के बाद विधु विनोद चोपड़ा ने अपनी फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर को दिखाई ताकि वो फिल्म को खरीद कर सिनेमा में रिलीज कर सके। लेकिन जिस भी डिस्ट्रीब्यूटर ने फिल्म देखी वो बोला की फिल्म में दम नहीं है, फिल्म नही चलेगी इसलिए हम इसको नहीं खरीद सकते । विधु विनोद चोपड़ा नए निर्माता निर्देशक थे, उन्होंने काफी मेहनत करके ये फिल्म बनाई थी। जब कोई भी उनकी ये फिल्म रिलीज करने को तैयार नहीं हुआ तो विधु विनोद ने खुद से इस फिल्म को रिलीज करने का फैसला किया वो भी किसी एक सिनेमा हॉल में । क्योंकि उनका सारा पैसा ये फिल्म बनाने में लग चुका था इसलिए वो एक सिनेमा से अधिक किसी सिनेमा में रिलीज कर भी नहीं सकते थे, इसके अलावा वो वक्त प्यार झुकता नहीं, साहेब, तवायफ जैसी बड़ी फिल्में सिनेमा पर पहले से लगी हुई थी इसलिए कोई उनकी फिल्म को सिनेमा देने को तैयार भी नही था। लेकिन विधु विनोद ने सोच लिया था कि वो कैसे भी इस फिल्म को रिलीज कर के रहेंगे। काफी संघर्ष करने के बाद उनको एक सिनेमा मिला कोलाबा में, रीगल। लेकिन रीगल सिनेमा के मालिक ने विधु विनोद को बोल दिया की अगर उनकी फिल्म को देखने दर्शक नही आए तो वो उनकी फिल्म को उतार कर दूसरी फिल्म चला देंगे। विधु विनोद ने जोखिम ले लिया । फिल्म एक मात्र सिनेमा पर रिलीज हुई और लगातार चार हफ्तों तक रीगल सिनेमा पर हाउस फुल रही। फिल्म की सफलता को देख सभी डिस्ट्रीब्यूटर जो फिल्म को रिलीज करने से मना कर रहे थे उन्होंने वो फिल्म को अपने अपने सिनेमा पर खरीद कर रिलीज कर दिया। विधु विनोद चोपड़ा की ये फिल्म आज भी भारत की क्लासिक सस्पेंस फिल्मों में से एक गिनी जाती है।