फिल्म उद्योग में कादर खान की यात्रा का आरंभ अभिनय के माध्यम से नहीं बल्कि एक लेखक के रूप में उनकी उल्लेखनीय प्रतिभा के माध्यम से हुई। उन्होंने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत एक डायलॉग राइटर के तौर पर की थी. कादर खान इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री के साथ एक उच्च शिक्षित व्यक्ति थे, और उनका प्रारंभिक ध्यान शिक्षाविदों पर था।
1970 के दशक की शुरुआत में, कादर खान प्रसिद्ध अभिनेता और फिल्म निर्माता महमूद के संपर्क में आये, जिन्होंने उनके लेखन कौशल को पहचाना और उन्हें अपनी फिल्म “जवानी दीवानी” (1972) के लिए संवाद लिखने का अवसर दिया। यह हिंदी फिल्म उद्योग में संवाद लेखक के रूप में कादर खान की पहली फिल्म थी।
उनके काम की सराहना की गई और वह जल्द ही बॉलीवुड में एक चर्चित संवाद और पटकथा लेखक बन गए। उन्होंने उस युग के शीर्ष निर्देशकों और अभिनेताओं के साथ सहयोग किया और उनके मजाकिया और विनोदी संवाद दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हुए।
अपने लेखन करियर के साथ कादर खान ने अ यश चोपड़ा की फ़िल्म दाग के ज़रिये अभिनय की दुनिया में कदम रखा और कामयाबी के झंडे गाड़ दिये बाद उन्होंने हास्य और गंभीर दोनों भूमिकाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए एक बहुमुखी अभिनेता के रूप में अपनी प्रतिभा साबित की। इन वर्षों में, उन्होंने खुद को भारतीय फिल्म उद्योग में सबसे सम्मानित और प्रिय अभिनेताओं में से एक के रूप में स्थापित किया।