Homeफिल्म के बारे में कुछ रोचक तथ्यअग्निपथ 1990 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है |आइये इस फिल्म...

Related Posts

अग्निपथ 1990 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है |आइये इस फिल्म से जुड़ी कुछ खास बातों पर नज़र डालते हैं

अग्निपथ 1990 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। आज क्लासिक में गिनी जाने वाली ये फिल्म टिकट खिड़की पर असफ़ल रही थी। अमिताभ बच्चन के अभिनय की आलोचना हुई लेकिन मिथुन चक्रवर्ती के अभिनय को समीक्षकोँ और दर्शकोँ दोनोँ का प्यार मिला। हालाँकि अमिताभ तथा मिथुन दोनोँ को अभिनय के लिए पुरस्कार मिला।

1990 में आज के ही दिन रिलीज़ हुई थी अमिताभ बच्चन की फिल्म अग्निपथ जो उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों की सूची में 4वें स्थान पर रही थी. फिर भी फ्लॉप ही मानी गई. कारण था इसका भारी भरकम बजट.


मुकुल आनंद द्वारा बनाई इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने गैंगस्टर का रोल किया था. इस फिल्म का नाम अमिताभ बच्चन के पिता डॉक्टर हरिवंश राय बच्चन द्वारा रचित कविता अग्निपथ से लिया गया था और फिल्म में इस कविता की कुछ लाइनों का इस्तेमाल भी किया गया था. इसका डायलॉग हर किसी की जुबान पर चढ़ गया था.
जिसे देखो वही विजय दीनानाथ चौहान की रट लगाये हुए था. आज इस फिल्म ने 32साल पूरे कर लिए हैं.

आइये इस फिल्म से जुड़ी कुछ खास बातों पर नज़र डालते हैं –

फिल्म की शूटिंग के दौरान अमिताभ के गालों में रुई भर दी जाती थी ताकि वो पिचके हुए ना लगें और आवाज़ भी थोड़ी अलग निकले. ऐसा ही कुछ मार्लन ब्रैंडो के साथ भी किया गया था जब वो हॉलीवुड फिल्म गॉडफादर की शूटिंग कर रहे थे. गॉडफादर में तो ये तरकीब काम कर गई, पर अमिताभ को लोगों ने इस फिल्म में कुछ खास पसंद नहीं किया था.

फिल्म के एक सीन में अमिताभ के किरदार को मां द्वारा घर से निकाल दिए जाने के बाद दुखी विजय को फिल्म की हीरोइन माधवी के साथ बेड सीन करना था और अमिताभ उस सीन को करने में सहज नहीं थे. इस बारे में उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर मुकुल आनंद से बात की और उस सीन को फिल्म से निकाल दिया गया .

वैसे तो टीनू आनंद और अमिताभ एक ही उम्र के हैं, मगर इस फिल्म में टीनू का किरदार अमिताभ से बड़े उम्र का है और उसे वैसा ही दिखाने के लिए टीनू को अपना सर मुंडाना पड़ा. वैसे तो एक्टर डायरेक्टर के तौर पर दोनों ने शहंशाह ,मैं आज़ाद हूं और कालिया में साथ काम किया था, पर साथ में एक्टिंग करने का मौका दोनों को पहली बार अग्निपथ में ही मिला.

इस फिल्म में विलन के नाम पर काफी चर्चा हो रही थी पर कोई सही नाम सूझ नहीं रहा था. ऐसे में फिल्म में विलन का किरदार निभा रहे डैनी ने कई नाम सुझाए जिसमें से फिल्म के डायरेक्टर मुकुल को कांचा चीना नाम बेहद पसंद आया और उसे फाइनल कर दिया गया .

फिल्म में कृष्णन अय्यर का किरदार मिथुन की असल ज़िन्दगी के एक मित्र से प्रेरित था जो कभी मिथुन का रूम मेट हुआ करता था. ये बात उन दिनों की है जब मिथुन इतने बड़े स्टार नहीं थे और किराये के कमरे में रहते थे. उसी रूम में एक और लड़का रहता था जिसका नाम देविओ था. वो कमरे के किराए में 150 रूपये और मिथुन 75 रूपये दिया करते थे. उस रूम में एक ही बिस्तर था जिस पर देविओ सोया करता था और मिथुन जमीन पर सोते थे

इस फिल्म में पहली बार अमिताभ और डैनी ने साथ में काम किया था. हालांकि दोनों को साथ काम करने का ऑफर शोले और कुली में भी मिला था लेकिन बात नहीं बन पाई थी. दोनों ने अपने करियर तक़रीबन एक साथ ही शुरू किया था लेकिन उन्हें साथ काम करने के लिए काफी लम्बा इंतज़ार करना पड़ा. हालांकि डैनी और मुकुल पहले भी कानून क्या करेगा और ऐतबार जैसी फिल्मों में साथ काम कर चुके थे.

दीपक शिर्के ,अवतार गिल, डैनी सबने फिल्म में अमिताभ से बड़े उम्र का किरदार अदा किया है. हालांकि असल ज़िन्दगी में ये सारे हमउम्र हैं या अमिताभ से छोटे हैं. फिल्म में अमिताभ की मां का रोल करने वाली अभिनेत्री रोहिणी हटंगड़ी खुद अमिताभ से उम्र में काफी छोटी हैं.

फिल्म में आलोक नाथ द्वारा निभाया गया मास्टर दीनानाथ का किरदार, 1972 में आई फिल्म पिंजरा में श्रीराम लागू के निभाए गए किरदार मास्टर श्रीधर पन्त से प्रेरित था.

जुम्मा चुम्मा दे दे गाना पहले इसी फिल्म के लिए तैयार किया गया था ,मगर डायरेक्टर को लगा कि ये गाना विजय के किरदार पर सूट नहीं करेगा तो उन्होंने फिल्म में जुम्मा की जगह अलीबाबा गाने को फिल्म में फिट कर दिया .बाद में उस गाने को अमिताभ के ही फिल्म ‘हम’ में इस्तेमाल किया गया .

इस फिल्म में कई हॉलीवुड गानों का इस्तेमाल किया गया था. जैसे ग्लेन फ्रे का गाना ‘यू बिलॉन्ग टू द सिटी’ को रिक्रिएट करके फिल्म के बैकग्राउंड म्यूजिक में इस्तेमाल किया गया. इसके अलावा मोरी कोंटे का गाना ‘येके येके’ को भी उस सीन में इस्तेमाल किया गया है जहां अमिताभ का किरदार डैनी के किरदार से मिलता है.

Facebook Comments Box

Latest Posts