सुभाष घई एक फिल्म बना रहे थे, खलनायक। इस फिल्म के एक गाने के लिए उन्होंने इला अरुण को फोन किया और कहा कि उनकी इस फिल्म में एक गीत आपको गाना है और न सिर्फ आपको गाना है, ये गीत फिल्म में आपके ऊपर ही फिल्माया जाएगा । साथ में आपके होगी माधुरी दीक्षित। सुभाष घई से मिलने के लिए इला अरुण स्टूडियो में आ गई जिधर फिल्म के संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और गीत के लेखक आनंद बक्शी भी मौजूद थे। इला अरुण को गीत के बोल बताए गए जो थे “चोली के पीछे क्या है।” इला अरुण गीत गाने के लिए राजी हो गई अलका याग्निक के साथ । लेकिन अलका याग्निक ने जब गीत के बोल सुने तो शुरू में उन्हें अश्लील से लगे लेकिन इला अरुण के समझाने पर कि लोकगीतों में तो ऐसे बोल अक्सर होते ही है इसलिए घबराने के बात नही है। इला अरुण के समझाने पर अलका याग्निक राजी हो गई और गीत को रिकॉर्ड कर लिया गया। लेकिन जब इस फिल्म की ऑडियो कैसेट्स बाजार में आई तो इस गीत से हंगामा मच गया । इला अरुण को दर्जनों कोर्ट के समन मिल गए और कोर्ट कचहरी के भी चक्कर लगाने लगे। इन सब घटनाओं की वजह से इला अरुण इतना डर गई की उन्होंने इस गाने की वजह से चर्चा में आने के कारण जो भी फिल्मों में नए गाने मिले वो सब गानों का प्रस्ताव ठुकरा दिया। यहां तक कि जब इस गाने को इला अरुण पर फिल्माने की बारी आई तो इला अरुण ने ये बोलकर सुभाष घई को मना कर दिया की वो अब और विवादो में नहीं पड़ना चाहती। इला अरुण के मना करने के कारण इस गाने को फिर नीना गुप्ता पर फिल्माया गया। अब देखने वाली बात ये है कि जो गाना इला अरुण के लिए मुसीबत बन गया था उसकी गाने के लिए इला अरुण को उस साल की सबसे श्रेष्ठ गायिका का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिल गया।