“इतनी शक्ति हमें देना दाता” । ये प्रार्थना को लिखा था अभिलाष ने। ये प्रार्थना इतनी पसंद की गई की अधिकतर विद्यालय में ये प्रार्थना सुबह की प्रार्थना में गाई जाने लगी। लेकिन फिल्म अंकुश के दोनो निर्माता में आपस में झगड़ा हो गया और अभिलाष को अपनी इस प्रार्थना के लिए पैसे नहीं मिल पाए दोनो निर्माता के आपसी झगड़े के कारण। 28 साल बाद अभिलाष के एक दोस्त एक फिल्म बना रहे थे जिसके लिए वो दोस्त ने अभिलाष को अपनी फिल्म में फिल्म अंकुश की यही प्रार्थना रीमिक्स करके इस्तेमाल करने के लिए इजाजत मांगी। अभिलाष ने उसे बताया कि फिल्म के निर्माता ने ये प्रार्थना के कॉपीराइट टी सीरीज कंपनी को बेच दिए थे इसलिए मुझे उनसे पहले इजाजत लेनी होगी। अभिलाष ने टी सीरीज से इस बात की इजाजत मांगी तो टी सीरीज ने इजाजत देने लिए उससे 3 लाख रुपए की फरमाइश कर दी। अभिलाष जिसको अपनी ही लिखी प्रार्थना के लिए फिल्म अंकुश निर्माता से एक रुपया भी नही मिला था, वो ही प्रार्थना के लिए टी सीरीज उसी के लिए लिखे गाने के लिए 3 लाख मांगने लगी। ये बात अभिलाष ने अपने दोस्त को बताई तो दोस्त ने उसे 2 लाख रुपए दिए लेकिन टी सीरीज 3 लाख से एक रुपए कम लेने को तैयार नहीं हुई। कुछ वक्त बाद जावेद अख्तर ने ऐसी ही कुछ मांग संसद में उठाई की जिस तरह से फिल्म निर्माता अपनी फिल्म के कॉपीराइट किसी कंपनी को बेच कर पैसा कमाते है वैसे ही किसी गीत पर भी उसके लेखक को भी ये अधिकार होना चाहिए की उसको भी उसके लिखे गीत का कॉपीराइट से कुछ पैसा मिले। ये बात मंजूर की गई और अब कोई निर्माता और कंपनी किसी गीतकार के पैसे ऐसे ही नही मार सकती।