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साजिद खान:एक ऐसे कलाकार जिन्होंने अपना करियर मात्र 5 वर्ष की आयु से प्रारम्भ किया ओर भारत की पहली ऑस्कर का हिस्सा बनने वाली फिल्म का वह हिस्सा रहे ( जन्मदिवस 28 दिसंबर पर विशेष)

भुले बिसरे कलाकारो की श्रृंखला मे आज हम बात करने जा रहे है एक ऐसे कलाकार के बारे मे जिन्होंने अपना करियर मात्र ५ वर्ष की आयु से प्रारम्भ किया ओर भारत की पहली ऑस्कर का हिस्सा बनने वाली फिल्म का वह हिस्सा रहे थे। आज भी उन पर फिल्माया गया एक गीत आज भी विद्यालयों मे राष्ट्रीय उत्सव के अवसर पर बजने बाला सर्वाधिक बजने वाला गीत है।

जी हाँ हम बात कर रहे है साजिद खान के बारे मै जिन्होंने हिंदी सिनेमा के पहले एंग्री यंग मेन कहे जाने वाले सुनील दत्त जी के बचपन को आत्मसात किया।


बात है ५० के दशक की जब महबूब खान अपनी फिल्म औरत का रीमेक बना रहे थे पूरी स्टार कास्ट फाइनल हो चुकी थी पर बिरजू के बचपन के किरदार के लिए बागी तेवर के बच्चे की ज़रूरत थी । सेकड़ो बच्चो के स्क्रीन टेस्ट लिए गये पर महबूब खान संतुष्ट नहीं थे तब उन्होंने यह ज़िम्मेदारी अपने सहायक चिमन लाल को सौंपी चिमन लाल ने खूब प्रयास किए पर सफल ना हो सके तब उन्होंने अपने कुछ जानने वालो को ये बात बताई ऐसे हि ये बात स्टंट डायरेक्टर् मोहम्मद हुसैन डगलस के कानो तक पहुंची तब उन्होंने अपने स्टंटमेन वाजिद खान के बच्चे साजिद खान का नाम सुझाया जब साजिद महबूब खान से मिलने पहुंचे तब उनके फ़टे कपड़े देखकर महबूब खान को उनकी प्रतिभा पर शक हुआ पर जब उन्होंने उनसे बातचीत की तो प्रभाबित हुए बिना ना रह सके फिर उसके आगे तो इतिहास रच गया। मदर इंडिया ऑस्कर मे जाने वाली पहली फिल्म साबित हुई जिसके फलस्वरूप साजिद को हॉलीवुड फिल्मो के ऑफर आने लगे।
मेहबूब खान की दूसरी पत्नी सरदार बेगम के कोई संतान नही थी ओर दम्पति साजिद से बहुत प्रभावित थे इसीलिए उन्होंने साजिद को कानूनी रूप से गोद ले लिया । सन 1962 मे उन्होंने साजिद को शीर्षक भूमिका मे लेकर फिल्म सन ऑफ इंडिया का निर्माण किया फिल्म मे मुख्य भूमिकाओं मे कमलजीत व कुमकुम थे फिल्म का निर्माण वृहद स्तर पर किया गया था पर दुर्भाग्यवश फिल्म डिजास्टर साबित हुई पर फिल्म का एक गीत नन्हा मुन्ना राही हूँ काफी लोकप्रिय रहा फिल्म के असफल होने के कारण महबूब खान आर्थिक व मानसिक स्तर पर टूट गये जिसके कारण 1964 मे उनका निधन हो गया जो साजिद के लिए बहुत बड़ा झटका था । पर चुंकि मदर इंडिया विदेशो मे काफी लोकप्रिय थी ओर साजिद का चेहरा मोहरा काफी हद तक विदेशी लगता था इसी लिए उन्हे हॉलीवुड़ मे काम मिलने लगा वहा के मशहूर निर्देशक स्टर्लिंग स्लीफर ने 1966 से 1968 के बीच माया नामक सीरीज का निर्माण किया जो जापान जर्मनी फिलिपिंस उत्तरी अमेरिका मे काफी लोकप्रिय रही । साजिद की सफलता का आलम यह था की उत्तरी अमेरिका मे वह Teen Idol की सूची मे शामिल थे। जब वह युवा हुए तो विदेशो मे सफलता हासिल करने के बाद वे वापस भारत आ गये यहा उन्होंने दिया ओर तूफान,दहशत,डाकू ओर जवान जैसी कई फिल्मे की पर आशातीत सफलता प्राप्त ना कर सके 1983 मे हॉलीवुड़ फिल्म हिट अंड डस्ट उनकी आखिरी फिल्म साबित हुई । उसके बाद उन्होंने फिल्मो से सन्यास ले लिया ।
अब बात करे उनके निजी जीवन की तो उनके अभिनेत्री रेखा के साथ प्रेम प्रसंग की काफी चर्चा थी पर यह रिश्ता लम्बा नही चल सका फिर उन्होंने एक विदेशी युवती से विवाह कर लिया इनकी पत्नी के बारे मे कोई जानकारी उपलब्ध नही है पर उनके पुत्र का नाम समीर खान है। सन 1990 मे इन्होने पत्नी को तलाक़ दे दिया ओर ज्वेलरी बिज़नेस मे प्रवेश कर सफलता हासिल की
आज साजिद मुंबई मे रह रहे है अगर देखा जाये तो दस्तावेजों मे उनकी जन्मतिथि 28 दिसंबर 1951 दर्ज है पर साजिद अपना जन्मदिन प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को मनाते हैं ।
साजिद उन अभिनेताओं मे शामिल है जिनका बचपन तो सफलता से भरा रहा पर युवावस्था ने अधिक सफलता हासिल ना कर सके पर उनको हमेशा उनके गौरवशाली बचपन के लिए याद किया जाएगा।

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