Homeबॉलीवुड के देखे अनदेखे चेहरेडैनी डेन्जोंगपा:हिंदी सिनेमा के महान खलनायक और चरित्र अभिनेता

Related Posts

डैनी डेन्जोंगपा:हिंदी सिनेमा के महान खलनायक और चरित्र अभिनेता

हिंदी सिनेमा के महान खलनायकों में से एक डैनी डेन्जोंगपा का जन्म 25 फरवरी 1948 को सिक्किम में हुआ था।वह 75 साल के हो चुकेहैं।वे हिंदी के साथ नेपाली, तमिल, तेलुगु और हॉलीवुड फिल्मों में भी अभिनय कर चुके हैं।उन्होंने कांचा चीना, बख्तावर, खुदाबख्श जैसे किरदार पर्दे पर निभाए और दर्शकों के बीच लोकप्रिय हुए। 

सिक्किम जैसे छोटे राज्य से निकलकर डैनी ने बॉलीवुड में अपने लिए एक खास जगह बनाई हैलेकिन उनके संघर्ष का कहानी बड़ी रोचक है।ये उस दौर की बात है जब FTII के यंग लड़के लड़कियां मुंबई की तरफ रुख कर रहे थेसभी इस शहर के लिए नए थे।स्टूडीयो और प्रोड्यूसर के दफ्तरों के चक्कर काटने में बीतते थेऔर रातें जहां भी जगह मिल जाएउन्हीं स्ट्रगलर्स के बीच छोटीछोटी आंखों वाला सिक्किम का एक जवान लड़का भी था। जिसका नाम था डैनी डेन्जोंगपा।

डैनी का असली नाम Tshering Pentso था उन्हें डैनी नाम उनकी बैचमेट जया भादुड़ी (जया बच्चन) ने दियथा। एक बार की बात है, डैनी जुहू में घूम रहे थे जुहू वो इलाका था जहां धर्मेद्र, मनोज कुमार जैसे उस दौर केफेमस एक्टर्स के बंगले थे। तभी डैनी की नजर मोहन कुमार के बंगले के बाहर पड़ी। डैनी ने उनके बारे में सुन रखा था। बंगले में सिक्किम के कई गार्ड थे। जिस कारण डैनी को बंगले में एंट्री मिल गई।

बंगले के अंदर जाने के बाद उन्होंने मोहन कुमार से मुलाकात तो की, लेकिन जैसे ही उन्होंने मोहन कुमार के सामने अपने एक्टर बनने की इच्छा रखी। मोहन उनपर जोर-जोर से हंसने लगे। मोहन कुमार ने उन्हें अपने बंगले के गार्ड की नौकरी ऑफर की। उस दिन डैनी ने खुद से ये वादा किया कि एक दिन वो मोहन कुमार के बंगले के बगल में अपना बंगला बनाएंगे। वक्त गुजरता गया और डैनी सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए, लेकिन उन्हें खुद से किया अपना वादा याद था। आखिरकार उन्होंने मोहन कुमार के बंगले के बगल वाली जमीन को खरीद उसपर खुद का बंगला बनवाया।

डैनी ने फिल्मी करियर की शुरुआत 1971 में आई फिल्म ‘मेरे अपने’ से की। खलनायिकी के लिए मशहूर डैनी ने अपनी डेब्यू फिल्म मेंपॉजिटिव किरदार निभाया था। 1973 में उन्होंने बी आर चोपड़ा की फिल्म ‘धुंध’ में पहली बार नेगेटिव कैरेक्टर प्ले कर सुर्खियां बटोरी।डैनी ने 1990 तक करीब 190 फिल्में की। हॉलीवुड एक्टर ब्रैड पिट के साथ 2003 में उनके द्वारा अभिनीत फिल्म ‘सेवन ईयर्स इनतिब्बत’ को बहुत सराहा गया।

डैनी ने बिरला विद्या मंदिर और सेंट जोसफ कॉलेज, दार्जिलिंग से अपनी पढ़ाई पूरी की। डैनी का विवाह गंगटोक की गावा डेन्जोंगपा सेहुआ। अपने बेहतरीन अभिनय से दर्शकों के दिलों में खौफ पैदा करने वाले डैनी को 2003 में पद्मश्री से नवाजा जा चुका है।

डैनी को ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ में गब्बर सिंह का रोल ऑफर हुआ था। लेकिन उन्होंने इस रोल को करने से मना कर दिया था। एकइंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि आखिर उन्होंने क्यों गब्बर का रोल करने से मना कर दिया था।

दरअसल, उन्हें शोले के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने जब फिल्म ऑफर की तब वे ‘धर्मात्मा’ फिल्म के लिए फिरोज खान को हां कह चुकेथे। फिरोज खान ने अफगानिस्तान में शूटिंग की परमिशन भी ले ली थी। लिहाजा शूटिंग टाली नहीं जा सकती थी। तो डेट्स की कमीकारण उन्होंने गब्बर के रोल को ना कहना पड़ा।

उन्होंने इंटरव्यू के दौरान बताया कि, ‘मुझे गब्बर के रोल के लिए ना कहने का कोई मलाल नहीं हुआ था। वो इसलिए क्योंकि ‘शोले’ केबाद अमजद खान की प्राइस बढ़ गई थी और इससे उनकी फीस भी ऑटोमैटिकली बढ़ गई थी।

बेबी’ (2015), ‘जय हो’ (2014), ’16 दिसंबर’ और ‘अग्निपथ’ (1990) जैसी फिल्मों में काम कर चुके डैनी डेन्जोंगपा ने परवीन बाबीसे अपने रिश्ते को लेकर खुलकर बात की थी। 70 के दशक में करीब चार साल तक डैनी और परवीन का अफेयर रहा। दोनों बिना शादीसाथ ही रहते थे, जो उस वक्त बहुत बड़ी बात मानी जाती थी। डैनी की मानें तो उनका ब्रेकअप आपसी सहमति से हुआ था और दोनोंइसके बाद भी अच्छे दोस्त थे।

अपने फिल्मी करियर में डैनी ने लगभग 190 फिल्मों में काम किया,जिनमें डैनी की मशहूर फिल्में रही ‘अग्निपथ’, ‘हम’, ‘सनम बेवफा’, ‘खुदा गवाह’, ‘घातक’ और ‘बेबी’।

डैनी साहब ने कई भाषाओं में गीत भी गाए हैं, खासतौर पर हिंदी और नेपाली भाषा में।

Facebook Comments Box

Latest Posts